भारत को 2 वर्ल्ड कप दिलाने वाले युवराज सिंह का सफर काफी दिलचस्त है, जानिए उनका पूरा सफर…

युवराज भारतीय क्रिकेट के सुपरमॉडल है। कहा जाता है युवराज अगर अच्छे फार्म में हैं तो उनसे ज्यादा खतरनाक और निर्दयी बल्लेबाज कोई नहीं हो सकता है। ये एक बहुत ही बड़े क्रिकेटर है जोकि अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है. युवराज बाएँ हाथ से बल्लेबाजी करते है। इन्होंने ICC वर्ल्ड कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 बोलों में 6 छक्के लगा कर रिकॉर्ड तोड़ दिया।

yuvraj singh journey

युवराज सिंह बहुत अच्छे क्रिकेट के खिलाड़ी है, इन्होंने अपने कैरियर में बहुत से रिकॉर्ड बनाये, इसलिए सन 2012 में युवराज सिंह को भारत के “राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी” द्वारा भारत के दूसरे सबसे बड़े खेल अवार्ड “अर्जुन अवार्ड” से नवाजा गया। साथ ही इन्हें सन 2014 में “पदम्श्री अवार्ड” से भी पुरस्कृत किया गया। अपनी जिन्दगी में युवराज ने बहुत से उतार चढ़ाव भी देखे, किन्तु सब से लड़ते हुए वे इस मुकाम तक पहुँचे।

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वह सिक्सर किंग के नाम से भी जाने जाते है। युवराज का क्रिकेट कैरियर कई उतार चढ़ाव से गुजरा है। इस दौरान उन्होंने कई संघर्ष भी किये है। कैरियर को लेकर, परिवार को लेकर और जीवन को लेकर, पर इन संघर्षों में वे बार बार विजेता बन कर उभरे हैं। वह स्लो लेफ्ट आर्म गेंदबाज है। 2011 के विश्वकप के असल आर्किटेक्ट भी युवराज ही है। तो चलिए युवराज सिंह के कितने शतक हैं ? और युवराज सिंह कैंसर स्टेज की जानकारी भी बताते है।

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युवराज सिंह का जन्म चंडीगढ़ के एक पंजाबी परिवार में 12 दिसंबर सन 1981 को हुआ। इनके पिता योगराज सिंह है जोकि एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है साथ ही ये पंजाबी फिल्म्स के अभिनेता भी हैं। युवराज सिंह की माता शबनम सिंह है, एवं भाई जोरावर सिंह है। युवराज सिंह को बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में रुचि थी और वे इसमें काफी अच्छे भी थे। इन्होंने नेशनल अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी।

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युवराज को इन खेलों में ज्यादा रूचि थी किन्तु इनके पिता यह नहीं चाहते थे। उन्होंने युवराज को क्रिकेट खेलने के लिए फ़ोर्स किया। वे युवराज को इसके लिए रोज ट्रेनिंग भी देते थे। इनके पिता चाहते थे कि युवराज उनकी ही तरह एक फ़ास्ट गेंदबाज बने किन्तु युवराज स्केटर बनना चाहते थे। युवराज सिंह ने अपनी स्कूली पढ़ाई चंडीगढ़ के ही DAV पब्लिक स्कूल से की। इन्होंने चाइल्ड स्टार के रूप में 2 फिल्मों ‘मेहंदी सगण दी’ एवं ‘पट सरदार’ में भी काम किया। कुछ सालों बाद इनके माता – पिता का तलाक़ हो गया और युवराज सिंह अपनी माता शबनम सिंह के साथ रहने लगे। इस तरह इनका शुरूआती जीवन बीता।

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युवराज ने महज 11 वर्ष से ही पंजाब के लिए खेलना आरंभ कर दिया था। हिमाचल प्रदेश के साथ खेलते हुए युवराज ने शतक लगाया और उनकी प्रतिभा को देखते हुए पंजाब क्रिकेट एसोशियेसन ने उन्हें अंडर 19 में खेलने को कहा था। युवराज ने पहली बार फर्स्ट क्लस क्रिकेट 1997 में खेलना शुरू किया। लेकिन वो शुन्य पर आउट हो गये थे। जमशेदपुर में बिहार के खिलाफ खेलते हुए 358 रनों की बेमिसाल पारी खेली थी।

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बिहार की पूरी पारी 357 रन पर आल आउट हो गई थी। इसके बाद युवराज को अंडर 19 टीम में श्रीलंका दौरे के लिए चुना गया और वहाँ भी युवराज का खेल चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। yuvraj singh father – 2000 में अंडर 19 वर्ल्ड कप में युवराज ने शानदार प्रदर्शन किया और इसी के दम पर 2000 आईसीसी नॉक आउट ट्रॉफी में चुने गये थे। इसी प्रतियोगिता में युवराज ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन बनाये।

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जिम्बाबवे टूर के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। फिर 2001 में कोका कोला कप में श्रीलंका के खिलाफ 98 रन की पारी खेलकर फार्म में आये। लेकिन बाद में फार्म फिर से बिखर गया और इंग्लैंड के दौरे पर नहीं जा पाये। इसके बाद युवराज ने घरेलू क्रिकेट में अपना ध्यान दिया, वहाँ पर कई अच्छी पारियों को खेलने के बाद 2002 के इंग्लैंड दौरे पर फिर से चुने गये।

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T -20 वर्ल्ड कप 2007 में इन्हें एक हार्ड हिट्टर बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया। इस वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले भारत की इंग्लैंड के साथ 7 मैच सीरीज हुई, जिसमें इंग्लैंड के मस्कारंयूस ने युवराज के एक ओवर पर 5 सिक्स लगाये थे। यह युवराज से सहन नहीं हुआ। 12 सितम्बर सन 2007 को T20 वर्ल्डकप की शुरुआत हुई। 19 सितम्बर को भारत का इंग्लैंड के खिलाफ मैच था, जिसमें भारत की करो या मरो जैसी स्थिति हो गई थी एवं मैच सिर्फ 17 ओवर का था, तब युवराज स्ट्राइक पर थे और बोलिंग स्टुअर्ट ब्रॉड कर रहे थे। युवराज ने 6 बॉल्स में 6 छक्के लगाये एवं मात्र 12 बॉल्स में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। उस समय का T -20 वर्ल्ड कप भारत के नाम हुआ। वे इस टूर्नामेंट के टॉप परफोर्मर भी रहे।

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इसके बाद ICC वर्ल्ड कप सन 2011 में युवराज ने 4 बार ‘मैन ऑफ़ दा मैच अवार्ड’ जीता। जिसके चलते इन्हें ‘मैन ऑफ़ दा टूर्नामेंट’ का भी अवार्ड मिला। सन 2011 में ही युवराज अपनी अब तक की जिन्दगी के सबसे कठिन पड़ाव से गुजर रहे थे, जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें बाएँ लंग में कैंसर हुआ है जोकि स्टेज – 1 में था। वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए US के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर में गए। लगभग 1 साल के अंदर ही इनका इलाज पूरा हो गया, और वे अप्रैल सन 2012 में भारत वापस आ गए।

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युवराज सिंह क्रिकेटर होने के साथ-साथ असल जिन्दगी में भी बहुत पॉपुलर हैं। इन्होंने बहुत से टीवी एड्स में भी काम किया। जिसमें ये ब्रांड्स एम्बेसडर भी रहे। युवराज ने बहुत से मैच में ‘मैन ऑफ़ दा मैच’ का खिलाब जीता, जिसके चलते इनकी फीमेल फेन फोल्लोविंग ज्यादा थी। इस वजह से उनके बहुत से अफ्फैर भी रहे। अफवाहों के चलते यह पता चला है कि युवराज के बहुत ही अभिनेत्रियों के साथ अफेयर्स थे किन्तु सन 2015 में इन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री हेज़ल कीच के साथ सगाई की एवं हालहि में 30 नवंबर सन 2016 को युवराज ने हेज़ल कीच के साथ शादी कर ली। इस तरह इनका अब तक का व्यक्तिगत जीवन बीता।

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युवराज सिंह आईपीएल के शरुआती 2 सीजन में किंग्स 11 पंजाब टीम के कप्तान बने। यह टीम बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा और बिज़नस मैगनेट नेस वाडिया की थी। उस वक्त ये आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी थे. इन्होंने बहुत से ODI’s मैच खेले जिसमे उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई। क्रिकेट के इतिहास में ये सबसे बेहतरीन फील्डर में से एक माने जाते हैं। युवराज, जोकि मूल रूप से बॉल के बड़े हिट्टर के रूप में जाने जाते है, आईपीएल में उनका यह अंदाज देखने को नहीं मिला। लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें थी किन्तु वे उनकी उम्मीदों में खड़े नहीं उतर पाए। इस कारण अगले सीजन में इस टीम की कप्तानी कुमार संगकारा को दे दी गई।

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सन 2011 के आईपीएल में एक न्यू टीम पुणे वारियर्स आई। इस टीम में युवराज को ख़रीदा गया और वे इस टीम के कप्तान चुने गए। इसमें युवराज ने 14 मैच में 343 रन्स का स्कोर किया। किन्तु कुछ controvarsy के चलते सन 2012 में यह टीम आईपीएल में नहीं दिखी।

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इसके बाद सन 2014 में युवराज को 14 करोड़ में रोयल चंल्लेंजर्स बैंगलोर टीम ने ख़रीदा, किन्तु किंगफ़िशर के एक एम्प्लोयी ने युवराज को लैटर लिखा कि वे इस टीम के लिए न खेले। इसके बाद सन 2015 में युवराज को दिल्ली डेरडेविल्स टीम ने 16 करोड़ में ख़रीदा। सन 2016 में युवराज को सनरैसर हैदराबाद ने 7 करोड़ में ख़रीदा। इस टीम में युवराज का काफ़ी अच्छा प्रदर्शन रहा। इन्होंने 23 बॉल्स में 38 रन्स बनाये। इस तरह इनका आईपीएल में अब तक का सफर रहा।

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