उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और नैनीताल की खूबसूरत वादियां किसी का भी मन मोह लेती हैं। नेचुरल ब्यूटी के अलावा नैनीताल एक और वजह से भी काफी फेमस है और वह है, यहां बसा नीम करोली बाबा का ‘कैंची धाम।’ बाबा नीम करोली के धाम को लेकर यह मान्यता है कि जो भी यहां आता है, वह कभी भी खाली हाथ नहीं जाता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नीम करोली बाबा के करोड़ों भक्त हैं, जिनमें स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा का भी नाम शामिल है।
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही विराट कोहली और अनुष्का अपनी बेटी वामिका के साथ वृंदावन में बने नीम करोली बाबा के आश्रम पहुंचीं थी। यहां उन्होंने उनकी समाधि के दर्शन किए थे। सिर्फ विराट अनुष्का ही नहीं फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी नीम करोली बाबा के बड़े फैन हैं।
नीम करोली बाबा का नाम 20वीं सदी के ऐसे महान संतो में गिना जाता है जिनमे कई प्रकार की दिव्य शक्तियां थीं। बाबा नीम करोली की गिनती 20वीं सदी के महान और दिव्य शक्तियों वाले संतों में होती है। बताया जाता है कि 17 साल की उम्र में ही उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया था। नीम करोली बाबा के भक्त और प्रशंसक उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। नीम करोली बाबा हनुमान जी के बड़े भक्त थे और आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने हनुमान जी के 108 मंदिर बनवाए थे।
बाबा नीम करोली का असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा है। उनका जन्म सन 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर के एक गांव में हुआ था। बचपन से ही उनमें भक्ती भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। किशोरावस्था में ही उन्होंने घर-बार छोड़ दिया था और साधु बन गए थे। बताया जाता है कि उन्होंने नीब करोरी नामक स्थान पर तपस्या की थी। नीम करोली बाबा के बारे में कई प्रकार की कहानियां समाज में व्याप्त हैं।
बाबा नीम करोली साल 1961 में पहली बार उत्तराखंड के नैनीताल के कैंची धाम में आए थे और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। बाबा नीम करोली ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। माना जाता है कि नैनीताल के पंतनगर में स्थित उनके आश्रम में अगर कोई भक्त मुराद लेकर जाता है, तो वह खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहीं बाबा की समाधि और हनुमान जी का मंदिर है।
अपने माता-पिता के दबाव के कारण नीम करोली बाबा ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में शादी कर ली थी, लेकिन वह इससे कभी खुश नहीं थे। इसलिए अपनी शादी के तुरंत बाद उन्होंने साधु बनने के लिए अपना घर छोड़ दिया था, लेकिन अपने पिता के कई अनुरोधों के कारण उन्होंने एक सामान्य पारिवारिक व्यक्ति की तरह रहने का फैसला किया था। नीम करोली बाबा और उनकी पत्नी के दो बच्चे हुए और वह कई सालों तक एक सामान्य परिवार की तरह रहे। हालांकि, जल्द ही उन्होंने अपना जीवन समाज की सेवा में समर्पित करने का फैसला कर लिया था।
नीम करोली बाबा का नाम 20वीं सदी के ऐसे महान संतो में गिना जाता है, जिनमे कई प्रकार की दिव्य शक्तियां थीं। नीम करोली बाबा के भक्त और प्रशंसक उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। नीम करोली बाबा हनुमान जी के बड़े भक्त थे और आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने हनुमान जी के 108 मंदिर बनवाए थे।
‘एप्पल’ के संस्थापक स्टीव जॉब्स को सबसे प्रभावशाली बिजनेसमैन में से एक माना जाता है। हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि उनका भारत के साथ एक खास संबंध है, जिसने उन्हें उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद की है। साल 1974 में स्टीव ने अपने करियर में कई असफलताओं को झेलने के बाद भारत का दौरा किया था। हालांकि, आश्रम में कुछ समय बिताने और नीम करोली बाबा की शिक्षाओं का अभ्यास करने के बाद स्टीव जॉब्स प्रेरित हुए और उन्होंने अपनी कंपनी ‘एप्पल’ की शुरूआत की थी।
स्टीव जॉब्स की तरह ही ‘फेसबुक’ के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी आश्रम में एक दिन बिताने का फैसला किया था। हालांकि, कैंची धाम आश्रम में प्रवेश करने के बाद जुकरबर्ग ने दो और दिनों के लिए आश्रम में रहने का मन बना लिया था, क्योंकि वह वहां कुछ दिनरह कर जितना संभव हो उतना सीखना चाहते थे।
हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने भी कैंची धाम की यात्रा की है। उन्होंने नीम करोली बाबा के आश्रम में कुछ दिन भी बिताए थे, जिसके बाद उन्हें हिंदू धर्म से प्यार हो गया था और उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया था।
नीम करोली बाबा की कई चमत्कारिक कहानियां आज भी सुनाई जाती हैं। कहा जाता है कि एक बार बाबा के भंडार में घी की कमी पड़ गई थी जिसके बाद उन्होंने लोगों से नदी का पानी लाने को कहा. बाद में उन्होंने नदी के पानी को ही घी में बदल दिया। एक दूसरी कहानी यह भी है कि एक बार उनका एक भक्त गर्मी से काफी परेशान था। भक्त की परेशानी से बाबा नीम करोली विचलित हो उठे और उन्होंने बादल को बुला लिया था। बाबा के चमत्कार पर एक किताब भी लिखी गई है।
वैसे तो नीम करोली वाले बाबा के सैकड़ों चमत्कार के किस्से हैं, लेकिन इनमें से एक काफी फेमस है। एक बार बाबा ट्रेन में फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट में सफर कर रहे थे। जब टिकट चेकर आया, तो बाबा के पास टिकट नहीं था। तब बाबा को अगले स्टेशन ‘नीब करोली’ में ट्रेन से उतार दिया गया। बाबा थोड़ी दूर पर ही अपना चिमटा धरती में गाड़कर बैठ गए। अधिकारियों ने ट्रेन को चलाने का ऑर्डर दिया और गार्ड ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, परंतु ट्रेन एक इंच भी अपनी जगह से नहीं हिली। बहुत प्रयास करने के बाद भी जब ट्रेन नहीं चली, तो लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था, उसने ऑफिसर्स को बाबा से माफी मांगने और उन्हें सम्मानपूर्वक अंदर लाने को कहा। ट्रेन में सवार अन्य लोगों ने भी मजिस्ट्रेट का समर्थन किया। ऑफिसर्स ने बाबा से माफी मांगी और उन्हें ससम्मान ट्रेन में बैठाया। बाबा के ट्रेन में बैठते ही ट्रेन चल पड़ी। तभी से बाबा का नाम नीम करोली पड़ गया।