‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ शो के जेठालाल का हर साथी कलाकार से एक अलग तरह का जुड़ाव है। उदाहरण के लिए, शो में तारक मेहता की भूमिका निभाने वाले शैलेश के साथ उनकी बहुत अच्छी दोस्ती है। जबकि जेठालाल की भीड़ से हल्की नोकझोंक हो जाती है। अय्यर के पास 36 का आंकड़ा है, जबकि जेठालाल बबीताजी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जेठालाल की भूमिका निभाने वाले अभिनेता दिलीप जोशी ने कहा कि जब वह कैमरे के सामने नहीं होते हैं तो इन अभिनेताओं के साथ उनका क्या रिश्ता होता है।
दिल्ली जोशी ने कहा, ‘हाथी भाई (आजाद भाई- जो अब नहीं रहे) और पोपटलाल सेट पर खूब मस्ती करते थे। चंपकलाल (बापूजी) बहुत शराबी है। बापूजी को बिना कैमरा देखेंगे तो कोई नहीं कहेगा कि वे बापूजी हैं। मैंने बापूजी के रोल के लिए अमित का नाम असित मोदी को सुझाया। फिर उनका वीडियो टेस्ट हुआ और फिर उनका चयन हो गया।’
जेठालाल ने कहा, ”पोपतलाल को खाना बहुत पसंद है। हम सब भिड़े भाई, मेहता साहब, पोपटलाल और चंपकलाल के साथ खाने बैठते हैं। इसके अलावा हम अक्सर साथ बैठते हैं।”
शो की सफलता के पीछे का राज बताते हुए दिलीप जोशी उर्फ जेठालाल ने कहा, ”तारक मेहता शो की पूरी टीम समर्पण दिखा रही है। यही वजह है कि यह शो इतना लंबा चला। अन्यथा यह संभव नहीं होता। तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम में एक भी कलाकार ऐसा नहीं है जो आलसी हो, अगर ऐसा होता तो 3000 एपिसोड नहीं बन सकते थे।”
तारक मेहता शो में इतने सारे अभिनेता होने के बावजूद जेठालाल ने कहा, उनके बीच झगड़े की कोई खबर नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमें सभी अभिनेताओं में अहंकार की समस्या नहीं है। हर कोई जमीन से जुड़ा हुआ है। सेट पर फीमेल एक्टर्स के बीच ऐसा नहीं दिखता कि- उस एक्ट्रेस की साड़ी मेरी साड़ी से ज्यादा सफेद क्यों है? शो की सभी फीमेल एक्ट्रेसेस की समझ अच्छी है।
दूसरे कलाकारों की बात करें तो भीड़ बहुत ही पेशेवर किस्म की शख्सियत है। अय्यर बेहद समर्पित किस्म के इंसान हैं। तारक साहब कवि हैं। इनका वर्णन एक शब्द में करना कठिन है। सोढ़ी बहुत मस्त इंसान हैं। पोपटलाल भी समर्पण की भावना वाले व्यक्ति हैं।