आज तारक मेहता… शो एक घरेलू नाम बन गया है। जेठालाल, दया, भिड़े, तारक मेहता और पोपटलाल हर किरदार की अलग-अलग फैन फॉलोइंग है लेकिन आप जानते हैं कि यह किसका आइडिया था? और कितने समय लगा था इस आईडिया को टीवी तक लाने में?
तारक मेहता का उल्टा चश्मा बनाने का आइडिया मशहूर फिल्म और टीवी स्टार जतिन कनकिया को आया था। उन्होंने ही इस शो को बनाने का आइडिया प्रोड्यूसर असित मोदी को दिया था। असित ने यह बात 2018 में टेड टॉक में कही थी।
असित मोदी ने कहा कि जब हम सासु वाहू के सीरियल को छोड़कर कॉमेडी बनाने की सोच रहे थे तो समझ नहीं आ रहा था कि क्या बनाएं। उस समय असित जतिन के साथ हम सब एक है शो में काम कर रहे थे। जब असित ने यह बात जतिन को बताई तो उन्होंने तारक मेहता का चश्मा कॉलम रख दिया और कहा कि वह इस पर शो बना सकते हैं।
असित मोदी ने कहा, “मैं गंभीर हूं लेकिन हंसी के बिना नहीं रह सकता।” मुझे अपने सामने के लोगों को मुस्कुराते हुए देखना चाहिए। फिर मैंने एक ऐसा शो बनाने का सोचा, जिस पर लोग हर दिन हंस सकें।
असित मोदी ने कहा कि मैं इस विचार के साथ में जिस भी चैनल पर जाता था, वह मुझे खारिज कर देते थे और कहते थे कि यह शो नहीं चलेगा। 2001 में, असित ने दुनिया से आंखों पर पट्टी बांधने के अधिकार खरीदे और उन्हें टीवी पर लाने में 8 साल लग गए।
उन्होंने इसे एक चाली को सोसाइटी में बदल दिया और एक परिवार बनाया जिसमें सभी लोग सकारात्मक हों और झगड़े हों लेकिन मीठे झगड़े हों। 2000 से 2008 के बीच 2 साल ऐसे थे जब असित के पास कोई काम नहीं थी। करीबन 8 साल बाद ये शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा के नाम से प्रसारीत हुआ। और आज पुरे भारत में ये शो देखा जाता है।
कभी जिस शो को सभी चैनल ने ठुकरा दिया था वो करीबन पिछले 13 सालो से चल रहा है और आज के समय में TRP में नंबर वन पर बना हुआ है। आज शो के साथ साथ शो के सभी किरदार बहुत फेमस हो गए है और सभी के दिलो में अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रहे है।