हम सब लोग टीवी पर आने वाला शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो को बहुत अच्छी तरह से जानते है। लेकिन इस शो की शुरुआत गुजरती कॉमिक की वजह से हुयी थी। इस गुजराती कॉमिक के लेखक, व्यंग्यकार और स्तंभकार तारक मेहता का आज जन्मदिवस है। उनका जन्म 26 दिसंबर 1929 को हुआ था। वे अपने हास्य लेखन के लिए जाने जाते हैं। यूं तो मेहता गुजराती भाषा के लेखक थे। लेकिन उनकी कृति ‘चित्रलेखा’ ने उन्हें जनजन का लेखक बना दिया।
तारक मेहता की कॉमिक बुक पर ही आधारित है हास्य टीवी धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’। यह धारावाहिक साल 2008 से ही घर-घर में मनोरंजन का माध्यम बना हुआ है। सीधे कहे तो तारक मेहता ने पिछले 13 साल से देश के हर घर में लोगो का मनोरंजन कर रहा है। हिंदी भाषी इलाकों में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ देखने वाले न हों। महिलाओं और बच्चों तो इस धारावाहिक का गजब का क्रेज है। काफी परिवार के लिए बिना इस शो के डिनर के बारे में सोचना भी मुश्किल है।
बता दें कि तारक का पहला कॉलम मार्च 1971 में चित्रलेखा में आया था। उनकी 80 किताब पब्लिश हुई है जिसमें से 3 तो उनके कॉलम पर थी जो गुजनात के एक अखबार में आते थे। जबकि बाकी तारक मेहता का उल्टा चश्मा की कहानियों से संकलित किए गए थे। साल 2008 में सब टीवी ने तारक मेहता के कॉलम पर बेस्ड शो तारक मेहता का उल्टा तश्मा बनाया। इस शो में एक्टर शैलेश लोढ़ा, तारक मेहता का किरदार निभाते हैं। शो ने जल्द ही दर्शकों का दिल जीत लिया था और आज भी ये शो पॉपुलर कॉमेडी शोज में से एक है।
तारक जानुभाई मेहता को साल 2015 में पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था वहीं साल 2011 में उन्हें साहित्य गौरव पुरस्कार से नवाजा गया था। तारक जानुभाई का निधन साल 2017 में हुआ था जिससे ना सिर्फ गुजरात इंडस्ट्री बल्कि सभी को काफी दुख हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। बता दें कि उनके निधन के बाद परिवार ने उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च को डोनेट कर दी थी।
श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज धनबाद के सदस्य किरीट चाैहान ने तारक मेहतो को कालजयी लेखक करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यूं तो मेहता मूल रूप से गुजराती और मराठी भाषा के लेखक और साहित्यकार थे। लेकिन अपनी रचनाओं की बदाैलत उन्होंने भाषा की सीमा को समाप्त कर दिया। उन्हें गुजरात और महाराष्ट्र से दूर धनबाद में भी काफी लोग पढ़ते हैं। टीवी धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ तो हर में पहुंचा दिया है। उनकी हास्य की शैली का जवाब नहीं।