तारक मेहता धारावाहिक में दर्शकों को हंसाने वाले नटूकाका के किरदार ने आंखों में आंसू देकर दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके जाने का दुख शो की कास्ट के साथ-साथ उनके लाखों फैंस ने भी महसूस किया है। नटूकाका के निधन से उनके गांव में भी मातम का माहौल है। 77 साल की उम्र में घनश्याम नायक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी कमी कोई नहीं पूरी कर सकता।
नटूकाका मूल रूप से गुजरात के मेहसाणा जिल्ले के वडनगर तालुका के उंधई गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म भी इसी गांव में हुआ था और नटूकाका का गांव से गहरा नाता था। हमने शो में भी कई बार नटुकाका को अपने गांव का जिक्र करते हुए देखा है। नटूकाका उर्फ घनश्याम नायक के मन में भी गांव के प्रति संवेदना थी, जिससे उनके निधन के बाद गांव में मातम छा गया।
नटूकाका की शिक्षा पांचवीं कक्षा तक उंधई गांव में हुई थी। नटूकाका के बचपन के कई दोस्त आज भी गांव के अंदर हैं और उनके निधन से उनके दोस्तों को भी गहरा सदमा पहुंचा है। घनश्याम नायक के दोस्तों ने कहा कि “घनश्याम भाई जब भी गांव में आते थे तो गांव में एक अनेरी रौनक रहती थी।”
अपने गांव उंधई में कक्षा 5 तक की पढ़ाई करने के बाद नटूकाका मुंबई आ गए। वह कोई प्रसंग और त्योहारों पर गांव आते थे। जब भी नटूकाका गांव में आते थे तब गांव का पूरा माहौल बदल जाता था। दिव्या भास्कर की टीम ने नटूकाका के गांववासी से खास बातचीत की, जिसमें नटूकाका के बारे में भी काफी कुछ पता चला।
उंधई गांव के लोगों ने दिव्यभास्कर से बात करते हुए बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन नटूकाका एक निश्चित उंधई गांव में जाया करते थे। आठवें दिन वे उंधई गांव में माताजी मंदिर जाते थे और ग्रामीणों के साथ दर्शन भी करते थे। ग्राम्यजनों ने कहा की अगली नवरात्री को हम उनको बहुत याद करेंगे और उनकी कमी कोई नहीं पूरी कर सकता।
गांव में रहने वाले और नटुकाका के साथ बचपन बिताने वाले ईश्वरभाई पटेल ने कहा कि घनश्याम और मैं साथ में पढ़ते थे। घनश्याम बचपन में लोगों को खूब हंसाते थे। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी। हमने साथ में पढ़ाई की और खूब मस्ती की। उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
77 साल की उम्र में मस्ती की दुनिया को अलविदा कहते हुए नटुकाका ने अपना बचपन एक छोटे से गांव में बिताया। जिस घर में उनका बचपन बीता वह घर आज भी गांव में देखने को मिलता है। हालाँकि, यह वर्तमान में एक अन्य परिवार द्वारा बसा हुआ है। नटुकाका जब भी उंधई आते था तो अपने परिवार के साथ गांव में ही रहता था।
हर्ष ने कहा कि वह कुछ महीने पहले खुद वहां आए थे और एक दिन निवेश किया था। जब वे उंधई गांव आए तो उन्होंने सभी लोगों के साथ परिवार के सदस्यों की तरह व्यवहार करते थे। घनश्याम नाइक ने बी.ऍन हाई स्कूल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। जहां उन्होंने बच्चो को खूब हसाया था। हालांकि, वीडियो में वह कह रहे हैं कि, “जो लोग घनश्याम नायक नाम भूल गए हैं, अब मेरा नाम नटवरलाल प्रभाशंकर उधयवाला हो गया है।”