टिकटोक स्टार और राजनेता सोनाली फोगट का गोवा में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनाली फोगट का गोवा में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सोनाली फोगट ने 2019 का हरियाणा विधानसभा चुनाव आदमपुर से टिकट पर लड़ा था। चुनाव के दौरान, वह टिकटॉक पर अपने वीडियो के लिए भी बहुत लोकप्रिय थीं।
आपको बता दें कि टिकटॉक स्टार रियलिटी शो बिग बॉस-14 का हिस्सा रह चुकी हैं। इस शो के दौरान उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के बारे में कई खुलासे किए। उसने कहा कि उसके पति की मृत्यु के बाद एक आदमी उसके जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया, किसी कारण से रिश्ता आगे नहीं बढ़ सका। हालांकि सोनाली ने उस शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस ने पहले ही 22 से 25 अगस्त के बीच गोवा जाने की प्लानिंग कर ली थी। वह गोवा घूमने गई थी। सोनाली फोगट के निजी सचिव सुधीर सांगवान और उनकी टीम का एक अन्य व्यक्ति भी उनके साथ गोवा में मौजूद थे। अभिनेत्री की मौत की खबर के बाद उनके परिवार के सदस्य हरियाणा के हिसार जिले के भूटान गांव से गोवा के लिए रवाना हो गए हैं।
आपको बता दें कि 2016 में सोनाली फोगट के पति संजय फोगट भी हरियाणा के एक फार्म हाउस में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। 2020 में इस सेलिब्रिटी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक अफसर को जूते से मारती नजर आ रही थीं। उसी साल सोनाली को बिग बॉस-14 में हिस्सा लेने का मौका मिला।
सोनाली टिक टोक स्टार के साथ एक अभिनेत्री भी थीं और कई संगीत एल्बमों में दिखाई दी हैं। उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम यशोधरा है। कहा जा रहा है कि वह अपने कुछ स्टाफ मेंबर्स के साथ गोवा गई थीं जहां उन्हें बीती रात दिल का दौरा पड़ा। सोनाली ने अपने करियर की शुरुआत साल 2006 में एंकरिंग से की थी। वह हिसार दूरदर्शन के लिए एंकरिंग करती थीं। दो साल बाद 2008 में वह राजनीति में सक्रिय हो गईं।
सोनाली ने पंजाबी और हरियाणवी फिल्में, म्यूजिक वीडियो किया। वर्ष 2019 में, उन्होंने छोरिया छोरो से कम नहीं होती फिल्म में अभिनय किया। यह उनकी पहली फिल्म थी। बिग बॉस के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि उनके पति की मृत्यु के बाद, कई लोगों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने की कोशिश की। वह उस समय काफी अकेली थी।
सोनाली किसान आंदोलन के दौरान अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहीं। किसानों के आंदोलन पर उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। किसानों के साथ धोखा हुआ है। केंद्र सरकार को इस पर खुले दिल से चर्चा करनी चाहिए ताकि किसान इस कानून के महत्व को समझ सकें।