दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक बिजनेसमैन गौतम अडानी अहमदाबाद की मल्टीनेशनल कंपनी ‘अडानी ग्रुप’ के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह कंपनी भारत में बंदरगाह विकास कार्यों से संबंधित है। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी भारत और एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं। साथ ही वह दुनिया के 5 सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बन गए हैं।
सारी दुनिया उनके नाम और सफलता को जानती है, लेकिन लोग उनके परिवार के बारे में ना के बराबर जानते हैं। इनकी फैमिली लाइमलाइट से दूर रहती है। गौतम अडानी की वाइफ प्रीति अडानी और उनके बच्चे करण अडानी व जीत अडानी के बारे में बहुत कम लोग ही जानकारी रखते हैं। आज हम आपको गौतम अडानी की पर्सनल लाइफ और उनकी फैमिली के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। चलिए जानते हैं, इनकी स्वीट फैमिली के बारे में।
प्रीति अडानी का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ था। गुजराती परिवार में जन्मी प्रीति ने अहमदाबाद के प्रतिष्ठित गवर्नमेंट कॉलेज से डेंटल सर्जरी में ग्रेजुएशन पूरा किया था। बिजनेस टाइकून गौतम अडानी से शादी रचाने के बाद, वह 1996 में अडानी फाउंडेशन की चेयरवुमन बनीं। प्रीति दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं। वह जरूरतमंद लोगों की मदद करती हैं और अपने जनसेवी कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं।
प्रीति अडानी ने 1996 में ‘अडानी फाउंडेशन’ की शुरुआत मात्र दो सदस्यों के साथ की थी। आज ‘अडानी फाउंडेशन’ लगभग 18 भारतीय राज्यों में काम कर रहा है। प्रीति मीडिया में फोटो खिंचवाने व इंटरव्यू देने से बचती हैं और अपने काम पर अधिक ध्यान देती हैं।
प्रीति गुजरात की लीडिंग वुमन एजुकेटर्स की लिस्ट में शामिल हैं, जो राज्य की साक्षरता दर बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं। उनके नेतृत्व में, अडानी ग्रुप का सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) बजट 2017-18 में 95 करोड़ से बढ़कर, 2018-19 में 128 करोड़ पहुंच गया था।
2001 में गुजरात के भुज में आए तीव्र भूकंप के बाद, प्रीति अडानी ने बच्चों की पढ़ाई में मदद करने और उचित शिक्षा देने के उद्देश्य से मुंद्रा में अडानी डीएवी स्कूल खोला। उनके इस प्रयास की न केवल सरकार ने, बल्कि पूरे देश ने तारीफ की थी। कुछ सालों बाद प्रीति ने अनाउंस किया कि, वे अपने स्कूल में राज्य के वंचित बच्चों को हायर सेकेंडरी तक ‘पूरी तरह से मुफ्त शिक्षा’ दे रही हैं।
प्रीति अडानी द्वारा शुरू किया गया ‘अडानी फाउंडेशन’, वर्तमान में 2,300 से अधिक गावों में काम कर रहा है। यह देश के लगभग 18 राज्यों में फैला हुआ है। प्रीति ने गरीबी, निरक्षरता, भूख और कुपोषण से निपटने के लिए चार फ्लैगशिप प्रोग्राम तैयार किए हैं। इन चार प्रमुख कार्यक्रमों में कौशल विकास के लिए ‘सक्षम’, कुपोषण के लिए ‘सुपोषण’, शिक्षा के लिए ‘उत्थान’ और स्वच्छता के लिए ‘स्वच्छाग्रह’ शामिल हैं।
9 फरवरी 2020 को जीएलएस यूनिवर्सिटी अहमदाबाद के दीक्षांत समारोह में प्रीति को उनके अद्भुत समाजसेवी कार्यों के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। अडानी ग्रुप का सीएसआर बढ़ाने से लेकर, अपने फाउंडेशन द्वारा गरीब बच्चों की सहायता करने और उड़ीसा के आदिवासियों के लिए स्कूल खोलने तक, प्रीति के लोक कल्याणकारी काम सच में प्रेरणादायक हैं।
‘हरस्टोरी’ को दिए एक इंटरव्यू में प्रीति ने इस बात को बताया था कि, क्यों उन्होंने डेंटिस्ट्री को छोड़ा और अडानी फाउंडेशन बनाया। उन्होंने कहा था कि, ‘उनके पास दो विकल्प थे। पहला यह कि, वो अपनी डेंटिस्ट्री से सैकड़ों लोगों की मदद करें और दूसरा यह कि, वो हजारों लोगों की जिंदगी बदलने का काम करें।’
गौतम और प्रीति के दो बेटे हैं। इनका नाम करण अडानी और जीत अडानी है। करण ‘अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन’ के चीफ एग्जीक्यूटिव हैं। वहीं, जीत अडानी अभी पेंसिलवेनिया के यूनिवर्सिटी में ‘इंजीनियरिंग और अप्लायड साइंस’ की अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।
2013 में करण ने परिधि अडानी से शादी रचाई थी और जुलाई 2016 में कपल ने अपनी लाइफ में एक बेबी गर्ल का स्वागत किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रीति अडानी अपनी नन्हीं सी पोती के साथ समय बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ती। वो अपनी पोती के लिए खिलौने लाती हैं और दादी होने का हर फर्ज निभाती हैं। प्रीति अपनी पोती के काफी ज्यादा करीब हैं।
इसमें कोई शक नहीं है कि, प्रीति के लोक कल्याणकारी कार्य उनकी समाज सेवा को नए तबके पर ले गया है। ‘फ्लो वुमन फिलान्थ्रोपिस्ट’ जैसे अवार्ड से सम्मानित प्रीति ने अपने अथक प्रयासों से लाखों लोगों की जिंदगी बदलने का काम किया है।
फिलहाल, प्रीति अडानी इन नेक कामों के लिए बधाई की पात्र हैं। वैसे, आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए सुझाव हो तो अवश्य दें।