कई फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभाकर हिंदी फिल्मों में कदम रखने वाले दिलीपभाई जोशी-जेठालाल के जीवन में एक समय ऐसा लगा कि उनके पास कोई काम ही नहीं है। उस समय प्रमुखस्वामी यानी पूज्य बापा ने आशीर्वाद दिया और फिर उन्हें तारक मेहता में जेठालाल का किरदार मिला और फिर पूरा देश उन्हें जानने लगा तब से दिलीपभाई बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संप्रदाय के सत्संग बन गए।
छह साल पहले आज के दिन एक लोकप्रिय सीरियल में जेठालाल कच्छ के सफेद रेगिस्तान में खो गया और पाकिस्तान पहुंच गया, लेकिन इस बार वह अपने माता-पिता और परिवार के साथ घूमने आया है। कोटेश्वर सोमवार को सफेद रेगिस्तान का आनंद लेते हुए भुज मुंद्रा रोड स्थित बीएपीएस मंदिर में रात बिताने के बाद मंगलवार दोपहर को रवाना हुए। महादेव के दर्शन और माता की मध्य संध्या आरती करने के बाद भुज लौट आए।
सबसे ज्यादा एपिसोड पूरे करने वाले हिंदी सीरियल ‘तारक मेहताका उल्टा चश्मा’ के जेठालाल उर्फ दिलीप जोशी भचाऊ कच्छी का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां का आकर्षण यही कारण है कि लोग अक्सर कच्छ की यात्रा करना चाहते हैं, यह कहते हुए कि सीमावर्ती जिले की गर्मी उन्हें अपनी ओर खींचती है।
दिलीपभाई जोशी और उनका परिवार अपनी मनत पूरी करने के लिए माताजी के मढ़ आये तब पर्यटकों ने उन्हें घेर लिया था। मंदिर के पुजारी ध्रुवराजसिंह चौहान, मयूरसिंह जडेजा और व्यापारी अरविंदभाई शाह ने दिलीप जोशी और उनके परिवार का सन्मान किया। पर्यटक जेठालाल को माता के मढ़ पर देख कर काफी खुश थे।
प्रमुखस्वामी के एक उत्साही अनुयायी जेठालाल रवि सभा चूक ना जाये इसलिए मुंबई आकार सीधे दादर स्वामीनारायण मंदिर गए थे। मंगलवार को भी जब वे भुज आए तो पिता विट्ठलभाई, मां, पत्नी, बच्चों और बेन-बनेवी के साथ बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर गए और संतों का आशीर्वाद लिया। दिलीप जोशी रियल लाइफ में स्वामिनायरायण के बहुत बड़े भक्त है। रियल लाइफ में दिलीप जोशी स्वामिनायरान का टिका भी लगाते है।