पिछले 13 सालों से टीवी पर दर्शकों का मनोरंजन कर रहा शो तारक मेहता आज भी दर्शकों की पहली पसंद बना हुआ है। शो ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। आज दर्शक इस शो को ही नहीं बल्कि इस शो की पर्दे के पीछे की कहानियों को भी जानना पसंद करते हैं। चाहे वह किसी कलाकार के लिए हो या किसी शो के सेट की। चलिए आज हम आपको गोकुलधाम सोसाइटी के बारे में कुछ बाते बताते है।
आज हम आपको तारक मेहता की शूटिंग प्रोसेस के बारे में बताएंगे। पता चलने पर आप भी हैरान हो जाएंगे की शो की शूटिंग कैसे होती है? क्या आप जानते हैं कि गोकुलधाम सोसाइटी के दो हिस्से हैं? और इस सीरियल की शूटिंग दो अलग-अलग जगहों पर हो रही है? तो आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की सच्चाई…
आपको बता दे की यह एक सच्चाई है। शो के अंदर अगर गोकुलधाम सोसाइटी का कोई सीन दिखाया जाता है तो उसके लिए दो अलग-अलग जगह बनाई गई हैं। इसका मतलब है कि शो के अंदर जो हिस्सा दिखाया गया है यानि बालकनी और कंपाउंड का हिस्सा ही सोसायटी की आउटडोर शूटिंग के लिए तैयार है।
यानी भिड़े, सोढ़ी, अय्यर, जेठालाल, पोपटलाल, हाथीभाई या मेहता साहब के घर के अंदर शूटिंग करना चाहते हैं तो कांदिवली में तैयार सेट पर शूटिंग शेड्यूल किया जाता है। जबकि गोकुलधाम सोसाइटी का सेट गोरेगांव में बनाया गया है। इस प्रकार दो अलग-अलग स्थान स्थापित किए गए हैं। शूटिंग शेड्यूल सभी कलाकारों की सुविधा और उपस्थिति से निर्धारित होता है।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा का पहला एपिसोड 28 जुलाई 2008 को टेलीकास्ट किया गया था। किसी ने सोचा होगा कि यह सबसे लंबा चलने वाला कॉमेडी शो होगा। हालाँकि, हाल के एपिसोड में शो थोड़ा उनफोकस्ड लग रहे है। इसका मुख्य कारन शो के कई किरदार को बदला जा चूका है। फिर भी शो के किरदार लोगों के दिलों में बस चुके हैं और हर घर में पहचाने जाने लगे हैं।
आपको अगर संक्षेप में बताये तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा का सेट दो भागो में बटा हुआ है। हम जो गोकुलधाम सोसाइटी देखते है वो सिर्फ बहार का सेट है और हम जो सभी के घर और क्लब हाउस देखते है वो सेट अलग है। रियल में गोकुलधाम सोसाइटी में कोई घर ही नहीं है सिर्फ बालकनी में जाने के रास्ते है। सोसाइटी की शूटिंग भी अलग अलग जगह पर होती है।