पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आलीशान जीवनशैली से हम सभी वाकिफ हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बना लिया है और आज उनके प्रशंसक पूरी दुनिया में देखे जाते हैं। आज धोनी के पास पैसो और पावर की कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी धोनी जब रांची में होते हैं तो बेहद आम आदमी की तरह रहते हैं।
महेंद्र सिंह धोनी को कुछ दिन पहले अपने एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में स्पॉट किया गया था और अब वह इलाज के लिए रांची के एक डॉक्टर के पास जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से एमएस धोनी घुटने की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसका इलाज वह किसी महंगे अस्पताल या डॉक्टर से नहीं बल्कि एक साधारण वैद्य से करवा रहे है।
एमएस धोनी पिछले कुछ समय से घुटने के दर्द से जूझ रहे हैं, जिसका इलाज किसी बड़े डॉक्टर या अस्पताल के बजाय कोई वैद्य कर रहा है। कहा जाता है कि धोनी घुटने के दर्द के इलाज के लिए हर 4 दिन में एक बार वैद्य के पास जाते हैं और इसके लिए उन्हें सिर्फ 40 रुपये की फीस देनी होती है। जिसमें 20 रुपये दवा के लिए और 20 रुपये उनकी फीस है।
इस वैद्य का नाम वंदन सिंह खेरवार है। खेरवार के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दवा लेने के लिए खुद धोनी उनके आश्रम आते हैं। यह आश्रम झारखंड की राजधानी रांची से 70 किमी दूर लापुंग के जंगल में है। वैद्य वंदन सिंह खेरवार रांची से 70 किमी दूर कटिंगकेला के लापुंग में वावा गलतामी धाम में रहते हैं। धोनी इलाज के लिए उनके पास जा रहे हैं। वंदन ने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान धोनी पिछले एक महीने से हर 4 दिन में उनके पास हर्बल दवा लेने आ रहे हैं। वंदन सिंह ने कहा कि धोनी से पहले उनके माता-पिता भी उनकी दवा लेते थे। उन्हें घुटने की समस्या भी थी।
वैद्य के अनुसार, माही के शरीर में कैल्सियम की कमी है। इसकी वजह से उनके घुटनों में दर्द हो रहा है। उन्होंने बताया कि धोनी अब तक उनकी दवा की चार खुराक ले चुके हैं। पिछली बार वे 26 जून 2022 को उनके पास आए थे। इससे पहले धोनी के माता-पिता भी इस वैद्य से अपना इलाज करा रहे थे। तकरीबन चार महीने तक धोनी के माता-पिता ने वैद्य की दवा खाई, जिसके बाद उनके घुटनों का दर्द ना के बराबर है। माता-पिता का सफल उपचार के बाद धोनी ने भी इस वैद्य की दवा खानी शुरू की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दवा लेने के लिए धोनी खुद गाड़ी चलाकर वैद्य के पास जाते हैं। वैद्य ने बताया कि वह इलाज के लिए सिर्फ 20 रुपए फीस लेते हैं और 20 रुपए की दवा देते हैं। लगभग एक महीने से धोनी उनकी दवाएँ ले रहे हैं। वे (धोनी) हर 4 दिन में जड़ी-बूटियाँ लेने उनके आश्रम आते हैं। उन्होंने बताया, “यह दवा वह जंगल में उपलब्ध जड़ी-बूटियों से तैयार करते हैं। धोनी जब पहली बार मेरे पास आए तो मैं उन्हें पहचान ही नहीं पाया। साथ आए लोगों ने जब परिचय कराया तब पता चला कि ये तो धोनी हैं, जिन्हें उन्होंने टीवी पर बल्ला घुमाते देखा है।”
वह बताते हैं, “धोनी जब भी यहाँ दवाई लेने आते हैं तो उनके साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ लग जाती है। यही वजह है कि वह कई बार यहाँ आने पर गाड़ी से बाहर नहीं निकलते। उन्हें दवा गाड़ी तक पहुँचा दी जाती है। धोनी गाड़ी में बैठकर ही दवा पीते हैं। इसके अलावा कई बार उन्हें गाँव वालों के साथ खुद मोबाइल पकड़कर सेल्फी खिंचवाते हुए भी देखा है।”