लोकप्रिय अभिनेता घनश्याम नायक के निधन ने पुरे टीवी जगत को हैरान कर दिया है। घनश्याम नायक तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में नटुकाका का किरदार निभाते थे। उन्होंने अपने जबदस्त अभिनय से सभी के दिलो में एक खास जगह बनाई है। घनश्याम नायक ने गुजराती फिल्मो में बालकलाकार से लेकर बॉलीवुड की फिल्म और तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में अभिनय करके सभी का दिल जित लिया है।
उनके निधन ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा की पूरी टीम को तोड़ दिया है। साथ में नटुकाका के फेन्स को भी एक बड़ा झटका लगा है। क्योकि घनश्याम नायक ने अपना पूरा जीवन अभिनय को समर्पित कर दिया था और उनके जाने के बाद सभी को उनकी कमी महशुस होगी। उन्होंने कहा, “मैं मेकअप के साथ मरना पसंद करूंगा लेकिन जब तक जिंदा रहूंगा तब तक अभिनय करता रहूंगा।” उनके लिए अभिनय ही सब कुछ था।
आज हम बात कर रहे उनके गांव के बारे में। घनश्याम नायक उर्फ़ नटुकाका गुजरात के वडनगर के उधाई गांव के रहने वाले थे। उन्होंने अपना बचपन उधाई गांव में ही बिताया। घनश्याम नायक का जन्म 12 मई 1945 को मेहसाणा जिले के वडनगर तालुका के उंधई गाँव में हुआ था। उन्होंने लगभग 100 नाटकों और 8 फिल्मों में अभिनय किया है। इसके बाद वे मुंबई गए और रामलीला में बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू किया और इसके बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया पर राज किया।
आप यह जानकर हैरान हो जायेगे की घनश्याम नायक के पिता प्रभाकर नायक और दादा केशवलाल नायक भी नाटकों और फिल्मों में अभिनेता थे। उनके दादा वाडीलाल नायक शास्त्रीय संगीत के प्रबल समर्थक थे और धरमपुर और वंसदा शाही परिवार के संगीत हॉल में संगीत के प्राचार्य भी थे। वह संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन में जयकिशन के गुरु थे। संक्षेप में, अभिनय उन्हें विरासत में मिला था।
नटुकाका को अपने गांव से बहुत लगाव था। हमने कई बार शो में उनसे सुना है की वो अपने गांव को याद करते है और गांव की पुराने दिन याद करके भावुक हो जाते है। घनश्याम नायक मुंबई में रहते थे पर अपने गांव की नवरात्री में जरूर मंदिर दर्शन करने आते थे। इस नवरात्री में पुरे गांव को घनश्याम नायक की कमी महसूस होगी।
गांव में रहने वाले और नटूकाका के साथ अपना बचपन बिताने वाले ईश्वरभाई पटेल ने कहा कि, “घनश्याम और मैं साथ में पढ़ते थे। घनश्याम बचपन में लोगों को खूब हंसाते थे। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी। हमने साथ में पढ़ाई की और खूब मस्ती की। उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”
उंधई गांव के अंदर अभी भी नटूकाका का पुराना घर है, जिसमें नटूकाका ने अपना बचपन बिताया था। नटुकाका का परिवार जहां फिलहाल मुंबई में रहता है, वहीं उनके गांव के घर के अंदर कोई और रह रहा है। नटूकाका जब भी उंधई आता था तो अपने परिवार के साथ गांव में ही रहता था। हर्ष ने कहा कि वह कुछ महीने पहले खुद वहां आए थे और एक दिन निवेश किया था।