स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। सारिका देवानंद भिसे, जो वर्तमान में ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनकी नर्स हैं, ने द इकोनॉमिक टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने लताजी की मृत्यु से दो दिन पहले अपनी स्थिति का वर्णन किया। सारिका ने खुलासा किया कि वे दो दिन उनके लिए काफी मुश्किल भरे थे।
निमोनिया संक्रमण के बाद उनके फेफड़ों में दो पैच मिले। सारिका ने कहा कि जब उन्होंने अंतिम सांस ली तब वह लता दीदी के साथ थीं। उन्होंने कहा- दीदी हमेशा अपने सामने हमारे स्टाफ के बारे में सोचती थीं। हम उनसे प्यार करते थे और अब हमें उनकी याद आती है। उन्हें निमोनिया की वजह से फेफड़ों की समस्या थी। वे उनमें से निकले लेकिन फिर से वायरल संक्रमण और निमोनिया के लक्षण दिखाई दिए। उनका ऑक्सीजन लेवल भी गिर रहा था और उन्हें दो बार वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था।
नर्स ने यह भी कहा कि वह 2015 से लता दीदी के साथ हैं और उनके आशीर्वाद से उन्होंने नर्सों का एक ब्यूरो भी खोला। सारिका ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद 29 दिनों तक उन्होंने लता दीदी पर नजर रखी। सारिका ने आगे कहा कि डॉक्टर उसे बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन शनिवार दोपहर से वह पेशाब नहीं कर पा रही थी जिससे उनकी किडनी पर असर हो गई।
फिर उन्हें दो बार डायलिसिस पर रखा गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और फिर उन्होंने सुबह 8.12 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली। सारिका ने कहा कि उन्हें सबसे बड़ा अफसोस इस बात का है कि वह अब लताजी को नहीं देख पाएंगी। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा परिवार उनसे प्यार करता है। उनके आशीर्वाद से मैंने नर्स ब्यूरो खोला।
दीदी इस बारे में बात कर रही थीं कि उनका पालन-पोषण कैसे हुआ और उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने परिवार की देखभाल कैसे की। उन्होंने एक बार मुझे बताया था कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली शहर में साइकिल चलाते समय गिर जाने पर उनकी मां कैसे परेशान हो गईं। ये सब बात करते करते नर्स सारिका भावुक हो गई थी।