करीना कपूर बीटाउन की ऐक्ट्रेस सारा अली खान की सौतेली मां हैं, लेकिन ये रिश्ता सिर्फ समाज के जरिए दिए गए इस नाम पर ही आगे नहीं बढ़ा। सारा तो अभी भी बेबो को अपनी मां नहीं बुलाती हैं।
करीना के अनुसार, ‘मैंने हमेशा सारा और इब्राहिम से कहा है कि मैं तुम्हारी अच्छी दोस्त बन सकती हूं, मां नहीं, क्योंकि तुम्हारे पास पहले से ही बहुत अच्छी मां मौजूद हैं, जिसने तुम्हें इतनी अच्छी परवरिश दी है’. करीना ने आगे कहा, ‘मैने सारा और इब्राहिम को यही कहा है कि मैं अच्छी दोस्त साबित हो सकती हूं, मैं दोनों (सारा और इब्राहिम) से बहुत प्यार करती हूं और जब भी मेरी ज़रुरत या एडवाइस की ज़रुरत हो मैं उसके लिए हमेशा मौजूद हूं’.
आपको बता दें कि सारा भी कई मर्तबा टीवी शो और इंटरव्यू में यह बात कह चुकी हैं कि करीना उनकी दोस्त हैं और वो कभी भी उन्हें अपनी ‘दूसरी मां’ की तरह नहीं देखती हैं. आपको बता दें कि सैफ करीना की शादी में सारा अली खान भी आई थीं .ख़बरों की मानें तो खुद सैफ की पहली वाइफ अमृता सिंह ने सारा को तैयार करके सैफ की शादी में भेजा था.
काम आया करीना का तरीका
करीना कपूर ने जिस तरह से सारा की मां की जगह लेने की कोशिश न करते हुए उनकी दोस्त बनने की कोशिश की, उसी ने दोनों के बीच के रिश्ते को शुरू से ही हेल्दी और हैपी बनने में मदद की।
रिलेशनशिप काउंसलर लेह ब्रैनन के लेख ‘बॉन्डिंग विद स्टेपचाइल्ड’ में भी ये सलाह दी गई है कि स्टेपकिड्स से इमोशनल रूप से जुड़ने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। साथ ही में उन्हें किसी भी तरह से अपने मां और पिता संग रिश्ते को लेकर असुरक्षित महसूस न होने दें। इस पूरी स्थिति में धैर्य बनाकर रखना होगा और स्टेपचाइल्ड को समय देना होगा ताकि वह मौजूदा स्थिति को स्वीकार कर खुद को ढाल सके।