टीवी का पॉपुलर कॉमेडी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा एक ऐसे उपन्यास पर आधारित है जिसका किरदार बेहद अनोखा है और इन्हीं भूमिकाओं के चलते यह शो पिछले 13 सालों से न सिर्फ लोगों को पसंद आ रहा है बल्कि टीआरपी में बना हुआ है। पिछले 13 साल से ये शो टीआरपी में हमेशा टॉप पर बना रहता है। आज लाखो लोग शो के साथ उनके किरदार के भी फेन्स है।
चाहे वह पोपटलाल को छाते से प्यार हो, या अतरंगी दया भाभी, मेहता साहब खान-पान की वजह से या डॉ. हाथी। प्रत्येक भूमिका को अच्छी तरह से गढ़ा गया है और उन्हें निभाने वाले कलाकार बेजोड़ हैं। फेन्स अपने पसंदीदा अभिनेता के बारे में सब कुछ जानना चाहते और इसलिए आज हम इस शो के सितारों या भूमिकाओं के बारे में बात नहीं करेंगे, बल्कि शो से जुड़े दो लोगों के बारे में बात करेंगे जिनका खून का रिश्ता है।
सभी लोग जानते है की शो में जो किरदार दिखाए जाते है वो सिर्फ काल्पनिक होते है। ज्यादातर उन किरदारों का रियल लाइफ से कोई संबंध नहीं होता। लेकिन तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में दो किरदार ऐसे है जिनका रील और रियल लाइफ में खून का रिश्ता है। क्या आपको याद आया हम किसकी बात कर रहे है। हम बात कर रहे शो के दयाबेन और सुंदर के बारे में।
शो में दयाबेन का किरदार सभी को पसंद आता है और उनकी जोड़ी का क्या जब वीरा यानी सुंदरलाल अहमदाबाद से उनसे मिलने आते हैं। भाई-बहनों के सामने हर कोई फेल होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रील लाइफ में भाई-बहन की भूमिका निभाने वाले सुंदरलाल और दयाबेन असल जिंदगी में भी भाई-बहन हैं। जी हां… दिशा वकानी जो दयाबेन और सुंदरलाल का किरदार निभा रही हैं यानी मयूर वकानी असल जिंदगी में भाई-बहन हैं। और इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
वही शो में जहां दयाबेन प्यार से सुंदरलाल को वीरा कहकर बुलाती हैं, वहीं सुंदरलाल दयाबेन को ‘बहना’ कहकर बुलाते हैं। और जब ये दोनों एक साथ पर्दे पर आते हैं तो बवाल मचा देते हैं। दरअसल दिशा वकानी और मयूर वकानी एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां एक्टिंग उनके खून में है। उनके पिता भी एक अभिनेता थे और तारक मेहता के एपिसोड में भी दिखाई दिए। वह गुजराती फिल्मों का जाना-माना नाम हैं। फिलहाल तारक मेहता का उल्टा चश्मा से दयाबेन और सुंदरलाल दोनों गायब हैं।