मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने पिछले साल 9 मई को अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिसके बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता और वकील रजत कलसन थाना शहर हांसी के वकील हैं। 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। हरियाणा में हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी मुनमुन दत्ता और बबीता जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ से मशहूर हुए टीवी कलाकार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीताजी की अग्रिम जमानत याचिका हिसार के एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित स्पेशल कोर्ट के जज अजय तेवतिया ने खारिज कर दी है। जिसके चलते बबीताजी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है।
इन मामलों को लेकर मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मामलों की जांच हरियाणा के हांसी में एक जगह करने की मांग की थी। इसके अलावा मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द किया जाए। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। उसके बाद मुनमुन दत्ता ने फिर से हाईकोर्ट का रुख किया और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन बाद में उनके वकील ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली।
अब उन्होंने हिसार के एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई। आज कोर्ट ने मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी की याचिका खारिज कर दी। आपको बता दे कि इससे पहले भी दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ दलित समाज के बारे में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद उन्हें जमानत भी लेनी पड़ी थी।
इस वीडियो पर सवाल उठने के थोड़ी देर बाद ही मुनमुन दत्ता ने ये वीडियो डिलीट कर दिया और अपने सभी चाहने वालो से इस बात को लेकर माफ़ी भी मांगी थी। लेकिन इतने बड़े स्टार की गलती को फेन्स गलत मान रहे है। गलती सभी से होती है तो और मुनमुन को भी अपनी गलती का अहसास हो गया है। गलती को पश्च्याताप ही सबसे बड़ी सजा होती है। आपको क्या लगता है की मुनमुन दत्ता को माफ़ कर देना चाहिए?