टीवी जगत का मशहूर कॉमेडी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा छोटे पर्दे का बेहद पॉपुलर शो है। यह शो साल 2008 से ही लोगों का पसंदीदा बना हुआ है। इस कॉमेडी शो को लोगों का भरपूर प्यार मिला। लेकिन इस शो से जुड़ी और भी घटनाएं हैं जो किसी भी आम इंसान को हिला कर रख दें। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमेशा लोगों को गुदगुदाने वाले इस शो से जुड़े शख्स ने आत्महत्या कर ली थी और एक अभिनेता पर हमला भी हुआ था।
जी हा आपने सही पढ़ा, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के एक अभिनेता पर कभी हमला भी हुआ था। एक्टर समय शाह ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में बलविंदर सिंह रोशन सिंह सोढ़ी के बेटे गोगी उर्फ गुरुचरण सिंह सोढ़ी का किरदार निभाते हैं। 27 अक्टूबर 2020 को उनपर कुछ अज्ञात हमलावरों ने हमला बोल दिया था।
समय शाह 27 अक्टूबर को बोरीवली में अपने अपार्टमेंट के बाहर थे जब बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। उन्हें गाली दी और जान से मारने की धमकी भी दी थी। समय शाह के परिवार के मुताबिक यह पहली बार नहीं था जब ऐसा कुछ हुआ। इससे पहले भी समय पर दो बार ऐसे हमले हो चुके हैं।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा के लेखक अभिषेक मकवाना ने दिसंबर 2020 में आत्महत्या करके जान दे दी थी। पुलिस ने कहा था कि लेखक ने अपने सुसाइड नोट में ‘वित्तीय परेशानियों’ का जिक्र किया है। दूसरी ओर अभिषेक के परिवार ने अब आरोप लगाया है कि मृतक ब्लैकमेल और साइबर धोखाधड़ी का शिकार था। जाहिर तौर पर, अभिषेक की मौत के बाद परिवार को धोखेबाजों से फोन आ रहे हैं। परिजनों से पैसे वापस करने की मांग की जा रही है क्योंकि परिवार को कर्ज के लिए गारंटर बनाया गया था।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार चारकोप पुलिस ने 27 नवंबर 2020 को अपने कांदिवली अपार्टमेंट में अभिषेक को फांसी दिए जाने के बाद आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। अभिषेक के भाई जेनिस ने टैब्लॉइड को बताया था कि उसे कुछ मिल आने के बाद एक वित्तीय जाल में फंसने का एहसास हो गया था। उन्होंने आगे कहा कि अभिषेक के निधन की सूचना मिलने के बाद लोन लेने वालों के फोन आने शुरू हो गए जो अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।
जेनिस ने आगे कहा, “मुझे जो ईमेल रिकॉर्ड से समझ आया वह ये कि मेरे भाई ने पहले ‘आसान लोन’ ऐप में से एक छोटा सा ऋण लिया था जिसके लिए बहुत अधिक ब्याज दर चुकानी थी। मैंने उनके और मेरे भाई के बीच के लेनदेन को बारीकी से देखा। मैंने देखा कि मेरे भाई के लोन के लिए आवेदन नहीं करने के बावजूद वह रकम भेजते रहते थे। उनकी ब्याज दरें 30 प्रतिशत तक थीं।”