टीवी जगत के सबसे पॉपुलर कॉमेडी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा पिछले 14 वर्षों से दर्शकों के दिलों पर राज कर रहा है। दर्शकों के पसंदीदा सीरियलों में से एक यह शो लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला रहा है। इन मुस्कुराहटों का सबसे बड़ा कारण शो में काम कर रहे कलाकार हैं और इन्हीं कलाकारों में से एक थे जेठालाल की दुकान पर काम करने वाले नटू काका। लेकिन अब नटुकाका का किरदार निभाने वाले घनश्याम नायक हमारे बिच नहीं रहे।
बता दें कि नटू काका का किरदार निभाने वाले घनश्याम नायक अपने 57 साल के करियर में 350 से अधिक हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम कर चुके हैं। लेकिन एक समय इस मंझे हुए कलाकार के जीवन में ऐसा समय भी आया था, जब उनके पास उनके बच्चों की फीस भरने तक के पैसे नहीं थे। आज इस महान कलाकार के 78वें जन्मदिवस पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से।
12 मई 1944 को गुजरात के उंधई गांव में जन्में घनश्याम नायक ने साल 1960 में आई फिल्म ‘मासूम’ से बतौर बाल कलाकार अपने अभिनय के सफर की शुरुआत कर दी थी। गुजराती म्यूजिक निर्देशक रंगलाल नायक के बेटे घनश्याम ने महज सात साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखकर उनका मान बढ़ा दिया था। इसके बाद घनश्याम ने थियेटर में भी काम किया लेकिन ‘नटूकाका’ बनने तक का उनका सफर आसान नहीं था।
घनश्याम नायक को पूरे-पूरे दिन काम करने के बाद भी मेहनत के अनुसार पैसे नहीं मिलते थे। वह अपने जीवन के 24-24 घंटे देने के बाद भी सिर्फ तीन रुपये कमाते थे। इतना कम महनताना मिलने के कारण हमेशा हमें हसाने वाले नटू काका को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अपने दोस्तों के आगे चंद पैसों के लिए हाथ फैलाना पड़ता था।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि घनश्याम नायक नटुकाका बनने से पहले कई कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं। लेकिन उनका हम दिल दे चुके सनम का भवई का किरदार आज भी लोगों का पसंदीदा किरदार है। उन्होंने इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ भवई अभिनेता की भूमिका निभाई थी। आपको बता दे कि घनश्याम नायक अभिनय के साथ-साथ गाना भी गाते थे। उन्होंने 12 से ज्यादा गुजराती फिल्मों में आशा भोसले और महेंद्र कपूर के साथ गाने गाए। इसके अलावा घनश्याम ने 100 से ज्यादा गुजराती स्टेज प्ले में भी काम किया और करीब 350 गुजराती फिल्मों में डबिंग भी की थी।
एक समय पर पाई-पाई के लिए मोहताज रहने वाले घनश्याम नायक को अपनी कड़ी मेहनत की वजह से नट्टू काका का रोल मिला। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें इस रोल को निभाने के लिए प्रति एपिसोड करीब 30 हजार रुपये मिलते थे। उनका मानना था कि शो में काम शुरू करने के बाद ही उनकी जिंदगी में स्थिरता आई और उनकी आमदनी का एक फिक्स जरिया बना। इस किरदार को मिलने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कभी किराये के मकान में रहने वाले घनश्याम आखिरी समय में दो घरों के मालिक थे।
पूरा दुनिया जिस समय कोरोना जैसी महामारी से परेशान था, उस समय देश के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में भी कोरोना का विस्फोट हो रहा था। इसकी रोक थाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से सीरियल की शूटिंग रोकनी पड़ी। हालांकि जब शूटिंग शुरू हुई तब उम्रदराज कलाकारों को सेट पर नहीं बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। इसी कारण से नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक भी शो में काम नहीं कर पा रहे थे। इस समय वह बहुत दुखी थे।
शो से दूर रहने की वजह कोरोना के साथ-साथ उनकी बीमारी भी थी। वह अपने आखिरी दिनों में कैंसर से जूझ रहे थे और इसके चलते उनकी कई सर्जरी हुई थीं। घनश्याम पूरे 9 महीनों तक छुट्टी पर रहे थे। 16 मार्च से 16 दिसंबर तक वह शो और एक्टिंग से दूर थे। आखिरी समय में उन्होंने अपने आपको पहचानना भी बंद कर दिया था।
घनश्याम नायक की आखिरी इच्छा थी कि वह अंतिम सांस तक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की शूटिंग करते हुए लें। और 3 अक्तूबर 2021 को उनके निधन के बाद ऐसा ही हुआ। उनके निधन से पुरे टीवी जगत में शॉक का माहोल हो गया। उनके परिवार वालों ने निधन के बाद उनका मेकअप करवाया और उन्होंने नटूकाका बन इस दुनिया को अलविदा कहा था। इस तरह नटुकाका के घरवालों ने उनकी आखरी इच्छा पूरी की।