Brahmastra Movie Review: कमजोर है फिल्म की कहानी, लेकिन दमदार है सभी की एक्टिंग….

बॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ फाइनली 9 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, मौनी रॉय और नागार्जुन मुख्य रोल में है। फिल्म के निर्देशक अयान मुखर्जी को फिल्म बनाने में 5 साल से ज्यादा समय लगा। बॉलीवुड के सितारे इस फिल्म में सुपरहीरो का किरदार निभाते है। चलिए आपको बताते है फिल्म की स्टोरी और रिव्यु।

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ में एक लड़का शिव (रणबीर कपूर) होता है, जिसे पता नहीं है कि उसके अंदर सुपरहीरो वाली शक्तियां है। दशहरा और दीवाली के बीच हुई कुछ घटनाएं होने से उसे लगने लगता है कि उसके पास कुछ शक्तियां हैं जो उसे योद्धा बना सकती हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि बुरी शक्तियां ब्रह्मास्त्र को हासिल करने में लगी हैं। ब्रह्मास्त्र 3 हिस्सों में बंटा है और उसे एक जगह लाकर जोड़ना है। इस बंटे हुए ब्रह्मास्त्र को हासिल करने और उसकी रक्षा करने को लेकर कहानी आगे बढ़ती है।

brahamstra movie scene

एक फिल्‍म ज‍िसके व‍िज्‍युअल कमाल के हैं, ज‍िसमें शानदार एक्‍शन है, बीजीएम (बैकग्रांउड म्‍यूज‍िक) खूब एक्‍साइटमेंट पैदा करता है, लेकिन क‍िसी फिल्‍म की जो सबसे अहम चीज है, यानी कहानी बस उसी में सारा कॉम्‍प्रोमाइज क‍िया गया है। अनाथ लड़का, उसका अनाथ बच्‍चों से प्‍यार, लंदन से आई खूबसूरत हसीना… ये सब कहानी के वो प्‍लॉट हैं ज‍िन्‍हें आपने हजारों बार अलग-अलग तरीके से देखा है।

brahamstra movie hero

वहीं, कई बार आपको लगता है कि अयान ने माइथॉलजी और लवस्टोरी में घालमेल कर दिया है। आखिर के 15 मिनट में वीएफएक्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी स्क्रीन पर बोझिल लगता है। वैसे भी मार्वल की फिल्मों में जबर्दस्त वीएफएक्स देखने के बाद भारतीय दर्शकों का लेवल इस मामले में काफी हाई हो गया है। आखिर में फिल्म का क्लाईमैक्स भी आपके जेहन में तमाम किंतु परंतु छोड़ जाता है।

‘ब्रह्मास्त्र’ में एक्टिंग की बात करें तो रणबीर कपूर ने पूरी फिल्म को संभाला है जबकि आलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन ने उनका बखूबी साथ दिया है। मौनी रॉय ने भी अपनी एक्टिंग से ध्यान खींचा है। वहीं, नागार्जुन का कम समय का रोल भी लोगों को आकर्षित करता है। फिल्म देखने के दौरान आपके तीन बार रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पहला पीछा करने वाला सीन, दूसरा जब रणबीर कपूर अपनी शक्तियों का पूरी तरह से एहसा होता है और क्लाइमेक्स में मौनी रॉय करीब-करीब जीत जाती हैं।

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ के टेक्निकल प्वाइंट पर बात करें तो इंडियन सिनेमा में अब तक का सबसे विजुअल स्पेक्टेकल है, यहां तक डायरेक्टर एसएस राजामौली की ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ से भी बड़ा है। अयान मुखर्जी की 5 साल की मेहनत फिल्म में दिखाई देती है। अयान मुखर्जी के साथ करण जौहर का भी पूरा योगदान है। इस तरह इन दोनों लोगों ने अब तक एक भारतीय फिल्म में वीएफएक्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया है। वहीं, कैमरावर्क भी आश्चर्यजनक रहा है। फिल्म के गाने भी बहुत अच्छे तरह से फिल्माएं गए हैं।

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ में कभी-कभी डायलॉग इतने छोटे होते हैं कि अगर वे थोड़ा भी बेहतर होते तो फिल्म और भी अच्छी हो सकती थी। फिल्म के रोमांटिक ट्रैक जितना रणबीर कपूर की शक्तियों के लिए सही हैं, उतना ही ये कहानी को कुछ जगहों पर नीचे खींच भी लेता है। फिल्म का क्लाइमेक्स शानदार था जब तक मौनी रॉय की करीब-करीब जीत के बाद रोमांटिक एंगल फिर से हिट नहीं हुआ लेकिन एक बार फिर रणबीर कपूर के अवतार में बड़ा परिवर्तन होता है। फिल्म की एडिटिंग को कम से कम 20-25 मिनट और कसा जा सकता था। संवाद और रोमांस को सुव्यवस्थित किया जा सकता था। बॉलीवुड लाइफ ने फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ को 5 से 3.5 स्टार दिए हैं।

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